यह घटना बीते 13 मई की है, जब मुस्लिम संतों के सम्मान में उर्स पर संदल जुलूस का आयोजन किया गया था। हालांकि, आयोकों का कहना है कि वर्षों से इस दिन भगवान शिव को चादर दिखाते आ रहे हैं। Related